जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में जिला कलेक्टर ने दिए निर्देश
बदलते मौसम के साथ मौसमी बीमारियों के रोकथाम की करें पुख्ता व्यवस्था
सीकर । चिकित्सा विभाग की जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक शुक्रवार को हुई। जिला कलेक्टर मुकुल शर्मा की अध्यक्षता में जिला कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में हुई बैठक में विभाग की योजनाओं, कार्यक्रमों व गतिविधियों की समीक्षा करते हुए उन्होंने बरसात के मौसम को देखते हुए अभी से मौसमी बीमारियों की रोकथाम की पुख्ता व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिले के सभी चिकित्सालयों में मौसमी बीमारियों से बचाव व उपचार के पुख्ता प्रबंधन होने चाहिए। साथ ही दवाइयों पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होनी चाहिए।
बैठक में परिवार कल्याण कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए उन्होंने आज से शुरू हुए मोबाईलेशन पखवाडे के तहत स्वास्थ्य कर्मियों को योग्य दम्पतियों का सर्वे कर उनको परिवार कल्याण के साधन अपनाने के लिए प्रेरित करने पर जोर दिया। उन्होंने नसबंदी, पीपीआईसीयूडी, अंतरा की ब्लाॅकवार उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए शहरी क्षेत्र में पीपीआईयूसीडी लगाने के लिए प्रशिक्षित स्टाॅफ को प्रसव कक्ष मंे लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम के तहत जिले के ज्यादा से ज्यादा संस्थानों को सर्टीफाइड करवाने पर जोर दिया। इस पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ अशोक महरिया ने सिंगडौलीा, कसवाली व धाणणी के प्रार्थना पत्र नहीं भेजे जाने पर नाराजगी जताते हुए बीसीएमओ लक्ष्मणगढ को 30 जून से पूर्व प्रार्थना पत्र अपलोड करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने आगामी माह में जिन संस्थानों का स्टेट एसेसमेंट होना है, उनको चैक लिस्ट के अनुसार तैयार करवाने के निर्देश दिए।
जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ विशाल सिंह ने जिले के टीकाकरण, प्रसव, मीसिंग डिलीवरी, मीसिंग टीकाकरण, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, यूविन टीकाकरण सेशन की स्थिति, गर्भवती महिलाओं के पंजीकरण, गर्भवती की चार जांच की ब्लाॅकवार उपलब्धियों की जानकारी देते हुए बताया कि अभी तक जिले के कई सीएचसी स्तर से संस्थानों में प्रसव नहीं संख्या शून्य हैं। इस पर सीएमएचओ डाॅ अशोक महरिया ने संबंधित सीएचसी के प्रभारी अधिकारियों को स्थिति में सुधार करने के निर्देश दिए। आरसीएचओ डाॅ विशाल सिंह ने बताया कि एएनसी पंजीकरण के ब्लाॅकवार लक्ष्य दिए गए है। सीकर शहर की उपलब्धि काफी कम है। बैठक में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एक, दो व चार के प्रभारी अधिकारी उपस्थित नहीं होने पर सीएमएचओ डाॅ अशोक महरिया ने उनको नोटिस देने के निर्देश दिए। साथ ही सीएचसी के प्रभारी अधिकारियों को संस्थान पर रहने के लिए पाबंद किया, ताकि आमजन को बेहतर सेवाएं उपलब्ध हो सके।
जिला कलेक्टर मुकुल शर्मा ने प्रसव कक्ष में ड्यूटी करने वाले नर्सिंग अधिकारियों के व्यवहार पर चर्चा करते हुए कहा कि उनको व्यवहार सभ्य होना चाहिए। साथ ही प्रसूता का कलेवा योजना के तहत खाना और जन्म तुरन्त बाद बच्चे के लिए बेंबी किट उपलब्ध कराया जाना चाहिए। उन्होंने सभी डिलीवरी प्वाइंट के प्रभारी अधिकारियों को इसमें किसी प्रकार की कौताही नहीं बरतने की हिदायत देते हुए कहा कि जिन संस्थानों में प्रसव नहीं हो रहे उनको डिलीवरी प्वाइंट का बजट नहीं दिया जावें। बैठक में मुख्यमंत्री दवा योजना, मुख्यमंत्री जांच योजना, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम, माॅ वाउचर योजना, एनसीडी सर्वे, स्क्रीनिंग व फाॅलोअप सहित सभी योजनाओं की ब्लाॅक वार समीक्षा की गई।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ हर्षल चौधरी, जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ विशाल सिंह, जनाना अस्पतल सीकर के डाॅ विवेक अठवानी सहित जिले के सभी जिला, उप जिला अस्पताल के पीएमओ, बीसीएमओ व सीएचसी प्रभारी अधिकारी मौजूद थे।